Records Available In: तिब्बती, संस्कृत,अंग्रेजी और हिंदी
तिब्बती बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में केंद्रीय उच्चतर तिब्बती अध्ययन संस्थान (डीम्ड विश्वविद्यालय) एक विशिष्ट उच्च शिक्षण संस्थान है। तिब्बती संस्कृति और परम्पराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से इसकी स्थापना वर्ष 1967 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू और एच.एच. XIV दलाई लामा के बीच संवाद के फलस्वरूप हुयी।
इस संस्थान के केंद्रीय पुस्तकालय का नाम प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के एक महान भारतीय बौद्ध विद्वान आचार्य शांतारक्षिता के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 8 वीं शताब्दी में धर्म के प्रसार के लिए तिब्बत का दौरा किया था। शांतारक्षिता पुस्तकालय तिब्बती और बौद्ध अध्ययन के विद्वानों के लिए एक अद्वितीय सूचना संसाधन केंद्र है।
इस पुस्तकालय में संस्कृत और अन्य भारतीय भाषाओं से तिब्बती भाषा अनूदित बौद्ध धर्म से संबंधित पुस्तकों एक विशेष संग्रह है। यहाँ संस्कृत और तिब्बती भाषाओं में बौद्ध पांडुलिपियों को मुद्रण, कैलीग्राफी डिजिटल और माइक्रो रूपों में संरक्षित किया गया है।
वर्तमान में इस पुस्तकालय में लगभग 1,20,215 मुद्रित पुस्तकें, कैलीग्राफ और शैक्षणिक दस्तावेज हैं, 27,000 डिजिटल दस्तावेज़ और 8484 दस्तावेज माइक्रोचिप और फिल्मों में संकलित हैं। पुस्तकालय अच्छी तरह से नवीनतम आईसीटी बुनियादी ढांचे से सुसज्जित है, इस प्रकार यह पुस्तकालय संग्रह की बहुभाषी ग्रंथ सूची डेटाबेस के आधार पर सेवाएं प्रदान करता है।
पुस्तकालय की बहुभाषी सूची (वेब-ओपेक) संस्थान की वेबसाइट (www.cuts.ac.in) से जुड़ी हुई है।
Address: | सारनाथ, वाराणसी, उत्तर प्रदेश - 221007 |
Established: | 1967 |
Institution Head: | प्रो. शे-गावांग सम्तेंन, कुलपति |
Hours: | 9:00 A.M. से 6:30 P.M. (शनिवार और अवकाशों के दिन बंद) |
Phone: | +91 542 2586515 |
Website: | http://www.cuts.ac.in |