Records Available In:अंग्रेजी, तेलुगू, कन्नड़, तमिल, संस्कृत, हिंदी, मलयालम और ग्रंथम
कलाक्षेत्र, जैसा कि नाम से पता चलता है, कलात्मक उपक्रमों का केंद्र है। इसकी स्थापना रुक्मिणी देवी अरुंडेल नाम की एक उद्यमी दूरदर्शी महिला द्वारा 1936 में की गयी। इस संस्थान की स्थापना का उद्देश्य एक ऐसे सपने को सच करना था जहां भारतीय परम्पराओं का सार कलात्मक शिक्षा के माध्यम से अभिव्यक्ति होगा। एक संस्था, जिसकी स्थापना उन्होंने "युवाओं को अश्लील और बाजारू कला से रहित, सच्ची भावना से निःसृत कला को युवाओं तक पहुँचाने” के उद्देश्य के साथ की। चेन्नई में समुद्र के किनारे लगभग 100 एकड़ में फैला, कलाक्षेत्र फाउंडेशन आज कला का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। ललित कला के अध्ययन और प्रदर्शन के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
इस परिसर में तीन पुस्तकालय हैं:
रुक्मिणी देवी पुस्तकालय:. यह पुस्तकालय में श्रीमती रुक्मिणी देवी की पुस्तकों का निजी संग्रह है जिसमें 5219 पुस्तकें हैं। यह जनता के लिए खुला नहीं है।
शंकर मेनन लाइब्रेरी: यह रुक्मिणी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स से जुड़ी लाइब्रेरी है, जो कलाक्षेत्र फाउंडेशन की प्रमुख इकाई है। इसकी शुरुआत 1958 में हुई। वर्तमान में, नृत्य, संगीत और ललित कला से संबंधित 10830 पुस्तकें इसमें हैं। ये पुस्तकें विभिन्न भाषाओं जैसे अंग्रेजी, तेलुगु, कन्नड़, तमिल संस्कृत, हिंदी, मलयालम और ग्रन्थम में उपलब्ध हैं।
रिसर्च लाइब्रेरी: इसे मार्च 2006 में शुरू किया गया था। इसमें संदर्भ के लिए 9380 पुस्तकों का संग्रह है। पेंटिंग, संगीत, नृत्य, और धर्म के साथ-साथ रुक्मिणी देवी की नृत्य-नाटिकाओं की पांडुलिपियाँ भी उपलब्ध हैं। यह केवल कलाक्षेत्र फाउंडेशन के कर्मचारियों और छात्रों के लिए और पूर्व अनुमति के साथ शोधार्थियों के लिए खुला है।
Address: | कलाक्षेत्र रोड, थिरुवनमयूर, चेन्नई, तमिलनाडु – 600041 |
Established: | 1936 |
Institution Head: | श्रीमती रेवती रामचंद्रन,निदेशक |
Hours: | 9:00 am से 5:00 pm |
Phone: | (i) संकर मेनन पुस्तकालय - श्रीमती गीता अरुण, पुत्कालायाध्यक्ष (Mob. 9444557751) (ii) शोध पुस्तकालय: 044-24520836 (एक्सचेंज द्वारा संपर्क कराया जाएगा) |
Website: | https://www.kalakshetra.in/newsite/ |