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अ कंपलीट अल्फ़ाबेटिकल इंडेक्स ऑफ़ ऑल द वर्ड्स इन द अथर्ववेद

Keywords: वेद, अथर्ववेद, वैदिक इतिहास, भाषा विज्ञान, वैदिक साहित्य, हिंदू धर्म

Publisher: विश्वेश्वरानंद, बॉम्बे

Description: स्वामी विश्वेश्वरानंद और स्वामी नित्यानंद द्वारा संकलित यह पुस्तक अथर्ववेद में प्रयुक्त शब्दों की संपूर्ण वर्णानुक्रमक सूची प्रदान करती है। अथर्ववेद के वास्तविक पाठ में शब्दों का पता लगाने में मदद करने के लिए यह एक उपयोगी मार्गदर्शिका है। चूंकि हिंदू धर्म की उत्पत्ति वेदों से हुई है, इसलिए लेखकों ने महसूस किया कि हिंदू समुदाय की स्थितियों को सुधारने का सही रास्ता यही हो कि उन्हें वेदों के सही विचारों के बारे में बताया जाए।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-12T08:58:09Z
dc.date.available 2018-07-12T08:58:09Z
dc.description स्वामी विश्वेश्वरानंद और स्वामी नित्यानंद द्वारा संकलित यह पुस्तक अथर्ववेद में प्रयुक्त शब्दों की संपूर्ण वर्णानुक्रमक सूची प्रदान करती है। अथर्ववेद के वास्तविक पाठ में शब्दों का पता लगाने में मदद करने के लिए यह एक उपयोगी मार्गदर्शिका है। चूंकि हिंदू धर्म की उत्पत्ति वेदों से हुई है, इसलिए लेखकों ने महसूस किया कि हिंदू समुदाय की स्थितियों को सुधारने का सही रास्ता यही हो कि उन्हें वेदों के सही विचारों के बारे में बताया जाए।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 269 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher विश्वेश्वरानंद, बॉम्बे
dc.subject वेद, अथर्ववेद, वैदिक इतिहास, भाषा विज्ञान, वैदिक साहित्य, हिंदू धर्म
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1907
dc.identifier.accessionnumber AS-000289
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.coverage.spatial India
dc.date.accessioned 2018-07-12T08:58:09Z
dc.date.available 2018-07-12T08:58:09Z
dc.description स्वामी विश्वेश्वरानंद और स्वामी नित्यानंद द्वारा संकलित यह पुस्तक अथर्ववेद में प्रयुक्त शब्दों की संपूर्ण वर्णानुक्रमक सूची प्रदान करती है। अथर्ववेद के वास्तविक पाठ में शब्दों का पता लगाने में मदद करने के लिए यह एक उपयोगी मार्गदर्शिका है। चूंकि हिंदू धर्म की उत्पत्ति वेदों से हुई है, इसलिए लेखकों ने महसूस किया कि हिंदू समुदाय की स्थितियों को सुधारने का सही रास्ता यही हो कि उन्हें वेदों के सही विचारों के बारे में बताया जाए।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 269 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher विश्वेश्वरानंद, बॉम्बे
dc.subject वेद, अथर्ववेद, वैदिक इतिहास, भाषा विज्ञान, वैदिक साहित्य, हिंदू धर्म
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1907
dc.identifier.accessionnumber AS-000289
dc.format.medium text