Author: विश्वेश्वरन, स्वामी
नित्यानंद, स्वामी
Keywords: वेद, ऋग्वेद, संस्कृत, भाषा विज्ञान, वैदिक साहित्य, वैदिक इतिहास, हिंदू धर्म
Publisher: नारायण सागर, बॉम्बे
Description: यह पुस्तक ऋग्वेद में प्रयुक्त शब्दों की संपूर्ण वर्णक्रमानुसार सूची प्रदान करती है। यह ऋग्वेद के वास्तविक पाठ में शब्दों का पता लगाने में बहुत उपयोगी है। यह इन शब्दों के व्युत्पत्तिगत और व्याकरणिक निर्माण के साथ-साथ संस्कृत और अन्य वैदिक साहित्य में उनका अर्थ प्रदान करती है। अन्य उपनिषदों और ब्राह्मणों में इन शब्दों की व्याख्या सहित, इस पुस्तक में उनके सामाजिक, धार्मिक, नैतिक और राजनीतिक अनुप्रयोग का संकेत मिलता है। चूंकि हिंदू धर्म की उत्पत्ति वेदों से हुई है, इसलिए लेखकों ने महसूस किया कि हिंदू समुदाय की स्थितियों को सुधारने का सही रास्ता यही हो कि उन्हें वेदों के सही विचारों के बारे में बताया जाए।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | विश्वेश्वरन, स्वामी नित्यानंद, स्वामी |
dc.date.accessioned | 2019-02-25T17:22:56Z |
dc.date.available | 2019-02-25T17:22:56Z |
dc.description | यह पुस्तक ऋग्वेद में प्रयुक्त शब्दों की संपूर्ण वर्णक्रमानुसार सूची प्रदान करती है। यह ऋग्वेद के वास्तविक पाठ में शब्दों का पता लगाने में बहुत उपयोगी है। यह इन शब्दों के व्युत्पत्तिगत और व्याकरणिक निर्माण के साथ-साथ संस्कृत और अन्य वैदिक साहित्य में उनका अर्थ प्रदान करती है। अन्य उपनिषदों और ब्राह्मणों में इन शब्दों की व्याख्या सहित, इस पुस्तक में उनके सामाजिक, धार्मिक, नैतिक और राजनीतिक अनुप्रयोग का संकेत मिलता है। चूंकि हिंदू धर्म की उत्पत्ति वेदों से हुई है, इसलिए लेखकों ने महसूस किया कि हिंदू समुदाय की स्थितियों को सुधारने का सही रास्ता यही हो कि उन्हें वेदों के सही विचारों के बारे में बताया जाए। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 248p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | संस्कृत |
dc.publisher | नारायण सागर, बॉम्बे |
dc.subject | वेद, ऋग्वेद, संस्कृत, भाषा विज्ञान, वैदिक साहित्य, वैदिक इतिहास, हिंदू धर्म |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1908 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-005290 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | विश्वेश्वरन, स्वामी नित्यानंद, स्वामी |
dc.date.accessioned | 2019-02-25T17:22:56Z |
dc.date.available | 2019-02-25T17:22:56Z |
dc.description | यह पुस्तक ऋग्वेद में प्रयुक्त शब्दों की संपूर्ण वर्णक्रमानुसार सूची प्रदान करती है। यह ऋग्वेद के वास्तविक पाठ में शब्दों का पता लगाने में बहुत उपयोगी है। यह इन शब्दों के व्युत्पत्तिगत और व्याकरणिक निर्माण के साथ-साथ संस्कृत और अन्य वैदिक साहित्य में उनका अर्थ प्रदान करती है। अन्य उपनिषदों और ब्राह्मणों में इन शब्दों की व्याख्या सहित, इस पुस्तक में उनके सामाजिक, धार्मिक, नैतिक और राजनीतिक अनुप्रयोग का संकेत मिलता है। चूंकि हिंदू धर्म की उत्पत्ति वेदों से हुई है, इसलिए लेखकों ने महसूस किया कि हिंदू समुदाय की स्थितियों को सुधारने का सही रास्ता यही हो कि उन्हें वेदों के सही विचारों के बारे में बताया जाए। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | 248p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | संस्कृत |
dc.publisher | नारायण सागर, बॉम्बे |
dc.subject | वेद, ऋग्वेद, संस्कृत, भाषा विज्ञान, वैदिक साहित्य, वैदिक इतिहास, हिंदू धर्म |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1908 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-005290 |
dc.format.medium | text |