Domain:मौखिक परंपराएँ और अभिव्यक्तियाँ
State: हरियाणा
Description:
मंडवाड़ा के ठाकुर (अल्वर), अल्वर का एक मुसलमान उप-प्रदेश है जहाँ पैदाइशी संत, कवि और नाटककार अलीबक्ष पैदा हुए थे, जिन्होंने कला का एक भक्ति के रूप में अनुगमन किया था। उन्होंने हिंदू संतों और भक्तों की संगत में भजन, कीर्तन, नाच और गायन द्वारा अपने अंदर भक्ति की प्रथा ग्रहण कर ली थी। उनकी पहली ख्याल प्रस्तुति कृष्णलीला थी जो ख्याल तकनीक की पहली ऐसी प्रस्तुत्ति थी। अलीबक्ष की मंडली ने पूरे अल्वर में प्रदर्शन किए और वे दिल्ली, आगरा और रेवाड़ी के हिस्सों में भी लोकप्रिय हो गए थे। अलीबक्ष की ख्याल शैली अन्य ख्यालों से कई प्रकार से अलग है। इसमें एक धार्मिक आधार है और इसमें उपयोग किए जाने वाले गाने और गीतात्मक संवादों का एक महत्वपूर्ण साहित्यिक महत्व है। सारंगी, ढोलक और नक्कारे की संगत में भावों को व्यक्त करने के लिए वे कई प्रकार की भंगिमाओं का प्रयोग करते हैं। अलीबक्ष के अनुयायी कोली, कुम्हार और चमार जातियों से हैं जो आज भी अपनी स्मृति से ख्याल गाते हैं। मंडली में प्रवेश पाने के बाद कलाकार तपस्या और धर्मपरायणता का जीवन जीते हैं।