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जंडियाला गुरु के ठठेरे, पंजाब

Domain:पारंपरिक शिल्पकारिता

State: पंजाब

Description:

यह वीडियो पंजाब के जंडियाला गुरु के ठठेरों द्वारा तांबे और पीतल के बर्तन बनाने के पारंपरिक शिल्प का प्रलेखन है। यह शिप्ल २०१४ में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में अंकित किया गया था। बर्तन बनाने की प्रक्रिया ज़मीन के नीचे बनी बड़ी भट्टी में तांबे और पीतल के बड़े-बड़े टुकड़ों को पिघलने से शुरू होती है। पिघली धातु को फिर लोहे के सांचों में डाल दिया जाता है और इसे धातु के डलों में परिवर्तित होने तक ठंडा होने दिया जाता है। इन डलों को फिर सांचों से निकाला जाता है और एक मशीनी रोलर से समतल प्लेटों में रोल किया जाता है। इसके बाद ठठेरे इन धातु की प्लेटों को हथौड़े से पीटकर घुमावदार आकार देते हैं। वे धातु की प्लेटों को कई प्रकार के आकर देकर भगोने जैसे बर्तन बनाते हैं। प्लेटों के बीच के जोड़ों को ध्यान से हथौड़े से पीटकर चिपका दिया जाता। इसके बाद बर्तनों को बालू और इमली के रस से चमकाया जाता है और गरम धातु पर हथौड़े से छोटे-छोटे निशान बनाकर डिज़ाईन बनाए जाते हैं।