Sorry, you need to enable JavaScript to visit this website.

अंकीया नट

Domain:प्रदर्शन कला

State: असम

Description:

सामान्यतया अंकीया नट के नाम से जाने जानी वाली, असम की वैष्णव नाट्यकला, शंकरदेव द्वारा, जाति, सम्प्रदाय और सामाजिक ओहदे की परवाह किए बिना लोगों में भक्ति के सिद्धांत के प्रचार के माध्यम के रूप में प्रारंभ की गई थी। यह परंपरा धार्मिक उपदेशों और विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाओं के सामंजस्यपूर्ण संयोजन के परिणामस्वरूप उभर कर आई थी। इसमें धार्मिक दर्शनों का देशज लोक मनोरंजन और प्रदर्शन तकनीकों का मेल है और साथ ही इसमें शास्त्रीय संस्कृत की नाटकीय परंपरा के कई तत्वों को भी समाहित किया गया है। अंकीया नट का आज भी लगभग अपना प्रारंभिक रूप अस्तित्व में बना हुआ है। शंकरदेव ने पत्निपसाद, परिजथारण, केलिगोपाल, रुक्मिणीहरण और रामबिजोय नामक लोकप्रिय नाटकों की रचना की थी। इस परंपरा को उनकी मृत्यु के बाद उनके अनुयायियों ने जारी रखा और इस प्रकार नाट्यकला की एक सशक्त और जिवंत परंपरा उभर कर आई। भारत की कई अन्य नाट्यकला परम्पराओं के समान, अंकीया नट का दृश्य आकर्षण उसकी रंगीन पोशाकों , मुखौटों, पुतलों और मंच-सामग्री में निहित है।