Type: तत् वाद्य
घंटा एक तार वाद्य यंत्र है जो पीतल और लोहे से निर्मित होता है। तमिलनाडु में पाए जाने वाले इस वाद्य यंत्र को मंदिर में उपयोग किया जाता है। लटकते हुए खटकों को झुलाकर बजाया जाने वाला, मंदिर में पूजा का एक महत्वपूर्ण यंत्र है।
Material: पीतल, लोहा
पीतल से निर्मित एक घंटा, जिसके अंदर लोहे का खटका लटकता है। यह उपकक्ष की भीतरी छत में लोहे की जंज़ीर के माध्यम से लटका हुआ होता है। यह मंदिर में पूजा की एक महत्वपूर्ण वस्तु है। इस वाद्य यंत्र को खटकों को झुलाकर बजाया जाता है। मंदिरों में उपयोग किया जाता है।
Material: धातु
घंटा-धातु की गोल चपटी चकतियाँ जो आकार और वजन में भिन्न होती हैं। इसे लकड़ी की छड़ी से मारा जाता है। पूरे देश में मंदिरों और धार्मिक महत्व के अवसरों पर घंटा बजाया जाता है। इस वाद्य यंत्र का व्यास लगभग 19 सेंटीमीटर होता है। राजस्थान में एक समान वाद्य यंत्र को झालर कहा जाता है।