Author: वावरा, जारोस्लाव आर.
Keywords: इतिहास, कांच बनाना, कला, कांचघर, 5000-साल
Publisher: आर्टिया, प्राग
Description: इस पुस्तक में कांच और कांच बनाने के 5000 सालों का विस्तृत इतिहास शामिल है। पूर्वकालीन मिस्र से शुरू होकर यह पुस्तक आधुनिक युग के पश्चिमी यूरोप की ओर बढ़ती हुई कांच के विभिन्न प्रकार के उपयोगों को दर्शाती है। आभूषण, दर्पण, खिड़कियों के साथ ही क्रिस्टल का उल्लेख करते हुए, इस पुस्तक में अद्वितीय कांच की खोज के साथ-साथ उक्त उत्पादों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कांच को बनाने की तकनीक पर चर्चा की गई है। इसके मध्य युग के बाद के अध्याय अद्वितीय वेनिसी कांच और बोहेमियन क्रिस्टल के उदय को चिह्नित करते हैं। यह पुस्तक अलग-अलग समयावधि के दौरान कांच के कारीगरों और कांचघरों पर विवरण भी प्रदान करती है।
Source: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र
DC Field | Value |
dc.contributor.author | वावरा, जारोस्लाव आर. |
dc.date.accessioned | 2019-10-22T08:31:32Z |
dc.date.available | 2019-10-22T08:31:32Z |
dc.description | इस पुस्तक में कांच और कांच बनाने के 5000 सालों का विस्तृत इतिहास शामिल है। पूर्वकालीन मिस्र से शुरू होकर यह पुस्तक आधुनिक युग के पश्चिमी यूरोप की ओर बढ़ती हुई कांच के विभिन्न प्रकार के उपयोगों को दर्शाती है। आभूषण, दर्पण, खिड़कियों के साथ ही क्रिस्टल का उल्लेख करते हुए, इस पुस्तक में अद्वितीय कांच की खोज के साथ-साथ उक्त उत्पादों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कांच को बनाने की तकनीक पर चर्चा की गई है। इसके मध्य युग के बाद के अध्याय अद्वितीय वेनिसी कांच और बोहेमियन क्रिस्टल के उदय को चिह्नित करते हैं। यह पुस्तक अलग-अलग समयावधि के दौरान कांच के कारीगरों और कांचघरों पर विवरण भी प्रदान करती है। |
dc.source | इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली |
dc.format.extent | xxxv, 191p.; 32 plates |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | आर्टिया, प्राग |
dc.subject | इतिहास, कांच बनाना, कला, कांचघर, 5000-साल |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1954 |
dc.identifier.accessionnumber | 3149 |
dc.format.medium | text |
dc.contributor.translator | Gottheiner, I.R. |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | वावरा, जारोस्लाव आर. |
dc.date.accessioned | 2019-10-22T08:31:32Z |
dc.date.available | 2019-10-22T08:31:32Z |
dc.description | इस पुस्तक में कांच और कांच बनाने के 5000 सालों का विस्तृत इतिहास शामिल है। पूर्वकालीन मिस्र से शुरू होकर यह पुस्तक आधुनिक युग के पश्चिमी यूरोप की ओर बढ़ती हुई कांच के विभिन्न प्रकार के उपयोगों को दर्शाती है। आभूषण, दर्पण, खिड़कियों के साथ ही क्रिस्टल का उल्लेख करते हुए, इस पुस्तक में अद्वितीय कांच की खोज के साथ-साथ उक्त उत्पादों के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले कांच को बनाने की तकनीक पर चर्चा की गई है। इसके मध्य युग के बाद के अध्याय अद्वितीय वेनिसी कांच और बोहेमियन क्रिस्टल के उदय को चिह्नित करते हैं। यह पुस्तक अलग-अलग समयावधि के दौरान कांच के कारीगरों और कांचघरों पर विवरण भी प्रदान करती है। |
dc.source | इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली |
dc.format.extent | xxxv, 191p.; 32 plates |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | आर्टिया, प्राग |
dc.subject | इतिहास, कांच बनाना, कला, कांचघर, 5000-साल |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1954 |
dc.identifier.accessionnumber | 3149 |
dc.format.medium | text |
dc.contributor.translator | Gottheiner, I.R. |