Author: बेग़म, सुल्तान जहाँ
Keywords: इतिहास, आत्मकथा, भारत की बेग़म, भोपाल, 1800 के दशक में भारत, सुल्तान जहाँ बेग़म, गौहर-ए-इक़बाल
Publisher: जॉन मरे, लंदन
Description: 1800 के दशक में भोपाल की शासिका सुल्तान जहाँ बेग़म की यह आत्मकथा उनके जीवन और उस शहर के जीवन पर एक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जिस पर उन्होंने शासन किया था, यानी की, भोपाल। अकाउंट्स ऑफ़ माय लाइफ़, गौहर-ए-इक़बाल, के नाम से अनुदित, यह आत्मकथा बेग़म के शासन के दौरान भोपाल शहर के सामाजिक-राजनीतिक पहलुओं का वर्णन करती है। यह वृतांत उनके परिवार और राज्य से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को बताता है साथ ही यह भी कि उन्हें एक मजबूत प्रशासक के रूप में माना जाता था।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | बेग़म, सुल्तान जहाँ |
dc.date.accessioned | 2017-06-15T07:57:24Z 2018-06-07T04:18:34Z |
dc.date.available | 2017-06-15T07:57:24Z 2018-06-07T04:18:34Z |
dc.description | 1800 के दशक में भोपाल की शासिका सुल्तान जहाँ बेग़म की यह आत्मकथा उनके जीवन और उस शहर के जीवन पर एक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जिस पर उन्होंने शासन किया था, यानी की, भोपाल। अकाउंट्स ऑफ़ माय लाइफ़, गौहर-ए-इक़बाल, के नाम से अनुदित, यह आत्मकथा बेग़म के शासन के दौरान भोपाल शहर के सामाजिक-राजनीतिक पहलुओं का वर्णन करती है। यह वृतांत उनके परिवार और राज्य से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को बताता है साथ ही यह भी कि उन्हें एक मजबूत प्रशासक के रूप में माना जाता था। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xvi, 383 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉन मरे, लंदन |
dc.subject | इतिहास, आत्मकथा, भारत की बेग़म, भोपाल, 1800 के दशक में भारत, सुल्तान जहाँ बेग़म, गौहर-ए-इक़बाल |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1912 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-005257 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | बेग़म, सुल्तान जहाँ |
dc.date.accessioned | 2017-06-15T07:57:24Z 2018-06-07T04:18:34Z |
dc.date.available | 2017-06-15T07:57:24Z 2018-06-07T04:18:34Z |
dc.description | 1800 के दशक में भोपाल की शासिका सुल्तान जहाँ बेग़म की यह आत्मकथा उनके जीवन और उस शहर के जीवन पर एक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है, जिस पर उन्होंने शासन किया था, यानी की, भोपाल। अकाउंट्स ऑफ़ माय लाइफ़, गौहर-ए-इक़बाल, के नाम से अनुदित, यह आत्मकथा बेग़म के शासन के दौरान भोपाल शहर के सामाजिक-राजनीतिक पहलुओं का वर्णन करती है। यह वृतांत उनके परिवार और राज्य से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को बताता है साथ ही यह भी कि उन्हें एक मजबूत प्रशासक के रूप में माना जाता था। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xvi, 383 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉन मरे, लंदन |
dc.subject | इतिहास, आत्मकथा, भारत की बेग़म, भोपाल, 1800 के दशक में भारत, सुल्तान जहाँ बेग़म, गौहर-ए-इक़बाल |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1912 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-005257 |
dc.format.medium | text |