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अ स्टील मैन इन इंडिया

Author: जॉन एल. कीनन

Keywords: जीवनी, भारतीय उद्योग, औद्योगिक इतिहास, टाटा, टाटा स्टील, जमशेदपुर, कीनन, टाटा कंपनी, औद्योगिकीकरण, आर्थिक परिस्थितियाँ

Issue Date: 1943

Publisher: न्यू यॉर्क, डुएल स्लोअन एंड पी

Description: जॉन एल कीनन द्वारा लिखी गई यह पुस्तक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा की कहानी बता ती है। यह बताती है कि टाटा ने कैसे भारत की इस्पात में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता के बारे में सोचा और अपना व्यवसाय शुरू किया। इसमें ब्रिटिशों के साथ उनके व्यवसायिक लेन देन की कहानी का विवरण है और विशेष रूप से कीनन ने कैसे उन्हें अपने व्यवसाय को सफल बनाने में मदद की। टाटा स्टील कंपनी की अवधारणा से लेकर इसके विस्तार और अंत में देश में इसके भारतीयकरण तक पर अध्याय हैं।

Type: तकनीकी रिपोर्ट

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author जॉन एल. कीनन
dc.date.accessioned 2006-11-15T08:26:04Z
2018-05-31T01:03:28Z
dc.date.available 2006-11-15T08:26:04Z
2018-05-31T01:03:28Z
dc.description जॉन एल कीनन द्वारा लिखी गई यह पुस्तक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा की कहानी बता ती है। यह बताती है कि टाटा ने कैसे भारत की इस्पात में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता के बारे में सोचा और अपना व्यवसाय शुरू किया। इसमें ब्रिटिशों के साथ उनके व्यवसायिक लेन देन की कहानी का विवरण है और विशेष रूप से कीनन ने कैसे उन्हें अपने व्यवसाय को सफल बनाने में मदद की। टाटा स्टील कंपनी की अवधारणा से लेकर इसके विस्तार और अंत में देश में इसके भारतीयकरण तक पर अध्याय हैं।
dc.date.issued 1943
dc.description.sponsorship Delhi Superintendent Government of India
dc.format.extent 9374894 bytes1832 bytes
dc.format.mimetype application/pdfapplication/pdftext/plain
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher न्यू यॉर्क, डुएल स्लोअन एंड पी
dc.relation.ispartofseries B TAT-K KEE-S
dc.subject जीवनी, भारतीय उद्योग, औद्योगिक इतिहास, टाटा, टाटा स्टील, जमशेदपुर, कीनन, टाटा कंपनी, औद्योगिकीकरण, आर्थिक परिस्थितियाँ
dc.type तकनीकी रिपोर्ट
DC Field Value
dc.contributor.author जॉन एल. कीनन
dc.date.accessioned 2006-11-15T08:26:04Z
2018-05-31T01:03:28Z
dc.date.available 2006-11-15T08:26:04Z
2018-05-31T01:03:28Z
dc.description जॉन एल कीनन द्वारा लिखी गई यह पुस्तक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा की कहानी बता ती है। यह बताती है कि टाटा ने कैसे भारत की इस्पात में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता के बारे में सोचा और अपना व्यवसाय शुरू किया। इसमें ब्रिटिशों के साथ उनके व्यवसायिक लेन देन की कहानी का विवरण है और विशेष रूप से कीनन ने कैसे उन्हें अपने व्यवसाय को सफल बनाने में मदद की। टाटा स्टील कंपनी की अवधारणा से लेकर इसके विस्तार और अंत में देश में इसके भारतीयकरण तक पर अध्याय हैं।
dc.date.issued 1943
dc.description.sponsorship Delhi Superintendent Government of India
dc.format.extent 9374894 bytes1832 bytes
dc.format.mimetype application/pdfapplication/pdftext/plain
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher न्यू यॉर्क, डुएल स्लोअन एंड पी
dc.relation.ispartofseries B TAT-K KEE-S
dc.subject जीवनी, भारतीय उद्योग, औद्योगिक इतिहास, टाटा, टाटा स्टील, जमशेदपुर, कीनन, टाटा कंपनी, औद्योगिकीकरण, आर्थिक परिस्थितियाँ
dc.type तकनीकी रिपोर्ट