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एशियाटिक सोसाइटी

Records Available In: अंग्रेजी, बांग्ला, हिंदी, संस्कृत, अरबी, फ़ारसी, उर्दू, चीनी-तिब्बती और अन्य भारतीय भाषाएं

Introduction

पूरे एशिया महाद्वीप में एशियाटिक सोसाइटी ज्ञान और अनुसंधान का सबसे पुराना केंद्र है जिसकी स्थापना इसके संस्थापक अध्यक्ष सर विलियम जोंस की पहल पर 1784 में हुई। सोसाइटी का नाम पिछली दो शताब्दियों के दौरान कई बदलावों से गुजरा, जैसे कि एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल (1832-1935), द रॉयल एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल (1936-1951) और जुलाई 1952 से इसे एशियाटिक सोसाइटी के नाम से जाना जाने लगा। 1984 से एशियाटिक सोसाइटी को भारत के संसद के एक अधिनियम द्वारा राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में दर्जा प्राप्त है।
एशियाटिक सोसाइटी के पुस्तकालय का महत्त्व केवल यहाँ उपलब्ध पुस्तकों की संख्या से ही नहीं बल्कि पुस्तकों में मौजूद समृद्ध और अद्वितीय पाठ्य सामग्री से है। पुस्तकों का यह संग्रह सदस्यों से प्राप्त अनुदान राशि से किया गया है। यह सोसाइटी 1808 में अपने निजी भवन में स्थानांतरित हुई और उसी वर्ष इसे जनता के लिए खोल दिया गया। इसके संग्रह में बहुत सी अति प्राचीन और दुर्लभ पुस्तकें मौजूद हैं। कुछ जिनका उल्लेख यहाँ किया जा सकता है, उनमें हैं- नेवारी लिपि की पांडुलिपि ‘अष्टसहस्रिका प्रजनपारमिता’, पवित्र कुरआन की एक प्रति और गुलिस्तान के पुराने पाठ और शहंशाह अकबर द्वारा हस्ताक्षरित ‘पद्मशाहनामा’ की पांडुलिपि। फोर्ट विलियम कॉलेज का विलोप होते समय वहां मौजूद संस्कृत, अरबी, फ़ारसी और उर्दू के बहुत से ग्रंथ जिनमें अधिकांश पांडुलिपियों के रूप में थे, को बहुत ही कठिनाई और लागत से इक सोसाइटी के पुस्तकालय में स्थानांतरित किया गया। यह महत्वपूर्ण कार्य ग्लैडविन और केरी जैसे प्रतिष्ठित प्राच्य विद्वानों की देखरेख में किया गया। इसके अलावा यहाँ तिब्बती कैलीग्राफी का बहुत ही दुर्लभ संग्रह भी है।

द एशियाटिक सोसाइटी का संग्रहालय भी लाइब्रेरी का ही हिस्सा है। 1796 की शुरुआत में, सोसाइटी ने संग्रहालय स्थापित करने के अपने इरादे की घोषणा की, जिसकी वास्तविक शुरुआत 1814 में में डॉ. एन. वालिच अध्यक्षता में हुई। सोसाइटी ने 1839 में कलकत्ता में एक सार्वजनिक संग्रहालय की स्थापना के लिए सरकार को प्रस्ताव दिया। जिससे 1866 में कलकत्ता के भारतीय संग्रहालय की स्थापना में की गई। सोसाइटी ने भारतीय संग्रहालय के लिए बहुमूल्य संग्रह किए। सोसाइटी हालांकि अभी भी असोकन रॉक एडिक्ट (250 ई.पू.) के अपने स्वयं के संग्रहालय को स्थापित किए हुए है, और इसमें चित्रों, पांडुलिपियों, मूर्तियों, कांस्य, सिक्के और शिलालेखों का एक बड़ा संग्रह है।

Information

Address: 1, पार्क स्ट्रीट, कोलकाता - 700016
Established: 1784
Institution Head: डॉ. एस. बी.चक्रवर्ती, महासचिव
Hours: सोमवार से शुक्रवार: 09:45 am से 7:00 pm; शनिवार: 10:00 am से 5:00 pm (केवल अध्ययन कक्ष खुला रहेगा)
Phone: 033-2229-0779, 033-2229-7251, 033-2249-7250
Website: http://www.asiaticsocietykolkata.org/