Records Available In: अंग्रेजी, भारतीय भाषाएं- असमिया, बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू और उर्दू, विदेशी भाषाएं- अरबी और फ़ारसी, पूर्वी-एशियाटिक भाषाएं, जर्मन भाषाएं, स्लावी भाषाएं, पश्चिमी एशियाटिक भाषाएं, अ
राष्ट्रीय पुस्तकालय, इम्पीरियल लाइब्रेरी के स्थान पर “इम्पीरियल लाइब्रेरी (नाम परिवर्तन) अधिनियम” के द्वारा 1948 में अस्तित्व में आया। इसे भारत के संविधान की संघीय सूची की 7 वीं अनुसूची में अनुच्छेद 62 के अंतर्गत राष्ट्रीय महत्व के एक संस्थान का विशेष दर्जा दिया गया था और तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने 1 फरवरी 1953 को पुस्तकालय को जनता को समर्पित किया था।
राष्ट्रीय पुस्तकालय की उत्पत्ति का पता पूर्व कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी जिसकी स्थापना 19वीं सदी के पूर्वार्ध में हुई थी और जिसे 21 मार्च, 1836 को जनता के लिए खोला गया था, से लगाया जा सकता है। बाद में कलकत्ता पब्लिक लाइब्रेरी को इंपीरियल लाइब्रेरी में मिला दिया गया साथ ही इसमें कई और सचिवालयों के पुस्तकालयों को शामिल कर इसे इंपीरियल लाइब्रेरी के रूप में जनवरी 1903 में में जनता के लिए खोल दिया गया।
राष्ट्रीय पुस्तकालय, कोलकाता भारत का राष्ट्रीय पुस्तकालय और राष्ट्रीय भंडार है। यह भारत की एक आधिकारिक संग्राहक पुस्तकालय भी है, जहाँ देश में प्रकाशित पुस्तकों को डिलिवरी ऑफ बुक एक्ट, 1954 के तहत संरक्षित किया जाता है।
Address: | बेल्वेदरे इस्टेट, एलीपोर, कोलकाता – 700027 |
Established: | 1948 |
Institution Head: | प्रो. अजय प्रताप सिंह , महानिदेशक |
Hours: | सोमवार से शुक्रवार : 8.00 AM - 8:00 PM, शनिवार-रविवार : |
Phone: | 91-33-2479 1381 to 87 |
Website: | https://nationallibrary.gov.in/ |