Author: मजूमदार, आर.सी.
Keywords: इतिहास, सभ्यता, सामाजिक जीवन, रीति-रिवाज़, मध्यकालीन भारत
Publisher: डिओसेसन प्रेस, मद्रास
Description: आर. सी. मजूमदार द्वारा लिखित यह पुस्तक मुस्लिमों द्वारा भारत में जीत हासिल करने के बारे में है, जिसे भारत के इतिहास में आर्य आक्रमण के बाद का सबसे महत्वपूर्ण वृत्तांत माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसने भारतीय इतिहास के पूरे पहलू को मौलिक रूप से इस हद तक बदल दिया है, कि ऐसी कोई अन्य घटना ना ही अभी तक हुई है और ना ही भविष्य में ऐसी घटना होने की कोई भी संभावना है। इस पुस्तक को चार अध्यायों में विभाजित किया गया है। इसमें मूल भारतीय दस्तावेज़ों की मदद से मुसलमानी इतिवृत्त का महत्वपूर्ण अध्ययन किया गया है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | मजूमदार, आर.सी. |
dc.date.accessioned | 2019-03-08T11:45:11Z |
dc.date.available | 2019-03-08T11:45:11Z |
dc.description | आर. सी. मजूमदार द्वारा लिखित यह पुस्तक मुस्लिमों द्वारा भारत में जीत हासिल करने के बारे में है, जिसे भारत के इतिहास में आर्य आक्रमण के बाद का सबसे महत्वपूर्ण वृत्तांत माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसने भारतीय इतिहास के पूरे पहलू को मौलिक रूप से इस हद तक बदल दिया है, कि ऐसी कोई अन्य घटना ना ही अभी तक हुई है और ना ही भविष्य में ऐसी घटना होने की कोई भी संभावना है। इस पुस्तक को चार अध्यायों में विभाजित किया गया है। इसमें मूल भारतीय दस्तावेज़ों की मदद से मुसलमानी इतिवृत्त का महत्वपूर्ण अध्ययन किया गया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | डिओसेसन प्रेस, मद्रास |
dc.subject | इतिहास, सभ्यता, सामाजिक जीवन, रीति-रिवाज़, मध्यकालीन भारत |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1931 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-017273 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | मजूमदार, आर.सी. |
dc.date.accessioned | 2019-03-08T11:45:11Z |
dc.date.available | 2019-03-08T11:45:11Z |
dc.description | आर. सी. मजूमदार द्वारा लिखित यह पुस्तक मुस्लिमों द्वारा भारत में जीत हासिल करने के बारे में है, जिसे भारत के इतिहास में आर्य आक्रमण के बाद का सबसे महत्वपूर्ण वृत्तांत माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसने भारतीय इतिहास के पूरे पहलू को मौलिक रूप से इस हद तक बदल दिया है, कि ऐसी कोई अन्य घटना ना ही अभी तक हुई है और ना ही भविष्य में ऐसी घटना होने की कोई भी संभावना है। इस पुस्तक को चार अध्यायों में विभाजित किया गया है। इसमें मूल भारतीय दस्तावेज़ों की मदद से मुसलमानी इतिवृत्त का महत्वपूर्ण अध्ययन किया गया है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | डिओसेसन प्रेस, मद्रास |
dc.subject | इतिहास, सभ्यता, सामाजिक जीवन, रीति-रिवाज़, मध्यकालीन भारत |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1931 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-017273 |
dc.format.medium | text |