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चित्रलिपी

Author: टैगोर, रबींद्रनाथ

Keywords: रबींद्रनाथ टैगोर, चित्रकला, संगीत, कला

Publisher: विश्व-भारती, कलकत्ता

Description: रबींद्रनाथ टैगोर ने शब्दों में भावाभिव्यक्ति पाई, और सोलह वर्ष की उम्र में उन्होंने संगीत में अपना रास्ता खोज लिया। इन दोनों के बीच की समानता थी लय का सिद्धांत, जो भौतिकवादी अवधारणाओं में प्राण फूँक देता है। यह कार्य चित्रों और कला की एक श्रृंखला है जो हर प्राणी के लिए एक अद्वितीय अर्थ रखता है।

Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार


DC Field Value
dc.contributor.author टैगोर, रबींद्रनाथ
dc.date.accessioned 2014-03-11T05:55:26Z
2019-12-07T03:47:04Z
dc.date.available 2014-03-11T05:55:26Z
2019-12-07T03:47:04Z
dc.description रबींद्रनाथ टैगोर ने शब्दों में भावाभिव्यक्ति पाई, और सोलह वर्ष की उम्र में उन्होंने संगीत में अपना रास्ता खोज लिया। इन दोनों के बीच की समानता थी लय का सिद्धांत, जो भौतिकवादी अवधारणाओं में प्राण फूँक देता है। यह कार्य चित्रों और कला की एक श्रृंखला है जो हर प्राणी के लिए एक अद्वितीय अर्थ रखता है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 22 p.: plates
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso हिंदी
dc.publisher विश्व-भारती, कलकत्ता
dc.subject रबींद्रनाथ टैगोर, चित्रकला, संगीत, कला
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1951
dc.identifier.accessionnumber 292278
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author टैगोर, रबींद्रनाथ
dc.date.accessioned 2014-03-11T05:55:26Z
2019-12-07T03:47:04Z
dc.date.available 2014-03-11T05:55:26Z
2019-12-07T03:47:04Z
dc.description रबींद्रनाथ टैगोर ने शब्दों में भावाभिव्यक्ति पाई, और सोलह वर्ष की उम्र में उन्होंने संगीत में अपना रास्ता खोज लिया। इन दोनों के बीच की समानता थी लय का सिद्धांत, जो भौतिकवादी अवधारणाओं में प्राण फूँक देता है। यह कार्य चित्रों और कला की एक श्रृंखला है जो हर प्राणी के लिए एक अद्वितीय अर्थ रखता है।
dc.source केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
dc.format.extent 22 p.: plates
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso हिंदी
dc.publisher विश्व-भारती, कलकत्ता
dc.subject रबींद्रनाथ टैगोर, चित्रकला, संगीत, कला
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1951
dc.identifier.accessionnumber 292278
dc.format.medium text