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डेक्कनी पेंटिंग

Author: ज़ेबरोस्की, मार्क

Keywords: दक्खन, दक्खन कला, दक्खन चित्रकला, भारतीय कला, भारतीय चित्रकारियाँ, 16वीं और 17वीं शताब्दी की चित्रकारियाँ, बीजापुर, गोलकोंडा, अहमदनगर, 18वीं और 19वीं शताब्दी की चित्रकारियाँ, असफ़िया

Publisher: रोली बुक्स इंटरनेशनल, नई दिल्ली

Description: इस पुस्तक के लेखक, भारतीय कला विशेषज्ञ मार्क ज़ेबरोस्की, ने महसूस किया कि 16वीं और 17वीं शताब्दी की दक्खनी कला पर बहुत कम शोध किया गया था, भले ही उनके अनुसार, बीजापुर, गोलकोंडा और अहमदनगर ने ढेरों उत्कृष्ट चित्रों का संरक्षण किया था। 1930 के दशक से ही कई विद्वानों ने व्यक्तिगत दक्खनी चित्रकारियों को प्रकाशित किया था, लेकिन यह पुस्तक सभी प्रमुख चित्रकारियों को एक साथ लाने के साथ-साथ उन्हें विभिन्न विद्वानों और कलाकारों के नाम करने का पहला प्रयास था। इसमें हैदराबाद में असफ़िया राजवंश के अंतर्गत 18वीं और 19वीं शताब्दी में बनी चित्रकारियों के साथ-साथ हैदराबाद के अधीन प्रमुख दरबारों की चित्रकारियों भी शामिल हैं।

Source: इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र

Type: दुर्लभ पुस्तक

Received From: इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र


DC Field Value
dc.contributor.author ज़ेबरोस्की, मार्क
dc.date.accessioned 2019-10-22T11:53:06Z
dc.date.available 2019-10-22T11:53:06Z
dc.description इस पुस्तक के लेखक, भारतीय कला विशेषज्ञ मार्क ज़ेबरोस्की, ने महसूस किया कि 16वीं और 17वीं शताब्दी की दक्खनी कला पर बहुत कम शोध किया गया था, भले ही उनके अनुसार, बीजापुर, गोलकोंडा और अहमदनगर ने ढेरों उत्कृष्ट चित्रों का संरक्षण किया था। 1930 के दशक से ही कई विद्वानों ने व्यक्तिगत दक्खनी चित्रकारियों को प्रकाशित किया था, लेकिन यह पुस्तक सभी प्रमुख चित्रकारियों को एक साथ लाने के साथ-साथ उन्हें विभिन्न विद्वानों और कलाकारों के नाम करने का पहला प्रयास था। इसमें हैदराबाद में असफ़िया राजवंश के अंतर्गत 18वीं और 19वीं शताब्दी में बनी चित्रकारियों के साथ-साथ हैदराबाद के अधीन प्रमुख दरबारों की चित्रकारियों भी शामिल हैं।
dc.source इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र
dc.format.extent 296 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher रोली बुक्स इंटरनेशनल, नई दिल्ली
dc.subject दक्खन, दक्खन कला, दक्खन चित्रकला, भारतीय कला, भारतीय चित्रकारियाँ, 16वीं और 17वीं शताब्दी की चित्रकारियाँ, बीजापुर, गोलकोंडा, अहमदनगर, 18वीं और 19वीं शताब्दी की चित्रकारियाँ, असफ़िया
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1983
dc.identifier.accessionnumber ZEB
dc.format.medium text
DC Field Value
dc.contributor.author ज़ेबरोस्की, मार्क
dc.date.accessioned 2019-10-22T11:53:06Z
dc.date.available 2019-10-22T11:53:06Z
dc.description इस पुस्तक के लेखक, भारतीय कला विशेषज्ञ मार्क ज़ेबरोस्की, ने महसूस किया कि 16वीं और 17वीं शताब्दी की दक्खनी कला पर बहुत कम शोध किया गया था, भले ही उनके अनुसार, बीजापुर, गोलकोंडा और अहमदनगर ने ढेरों उत्कृष्ट चित्रों का संरक्षण किया था। 1930 के दशक से ही कई विद्वानों ने व्यक्तिगत दक्खनी चित्रकारियों को प्रकाशित किया था, लेकिन यह पुस्तक सभी प्रमुख चित्रकारियों को एक साथ लाने के साथ-साथ उन्हें विभिन्न विद्वानों और कलाकारों के नाम करने का पहला प्रयास था। इसमें हैदराबाद में असफ़िया राजवंश के अंतर्गत 18वीं और 19वीं शताब्दी में बनी चित्रकारियों के साथ-साथ हैदराबाद के अधीन प्रमुख दरबारों की चित्रकारियों भी शामिल हैं।
dc.source इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र
dc.format.extent 296 p.
dc.format.mimetype application/pdf
dc.language.iso अंग्रेज़ी
dc.publisher रोली बुक्स इंटरनेशनल, नई दिल्ली
dc.subject दक्खन, दक्खन कला, दक्खन चित्रकला, भारतीय कला, भारतीय चित्रकारियाँ, 16वीं और 17वीं शताब्दी की चित्रकारियाँ, बीजापुर, गोलकोंडा, अहमदनगर, 18वीं और 19वीं शताब्दी की चित्रकारियाँ, असफ़िया
dc.type दुर्लभ पुस्तक
dc.date.copyright 1983
dc.identifier.accessionnumber ZEB
dc.format.medium text