Author: रीड, डगलस
Keywords: नोवेला, मध्य यूरोप, नाज़ी, यहूदी, ब्रिटिश लेबर पार्टी, रीड
Publisher: जॉनाथन केप, लंदन
Description: यह पुस्तक 'इनसैनिटी फ़ेयर' पुस्तक के बाद की दूसरी किस्त है। यहाँ, लेखक ने मध्य यूरोप में अपनी लंबी यात्रा का वर्णन किया है। लेखक की पहले की किताबों की तरह ही, यह पुस्तक भी नाज़ियों के प्रति उनकी कड़वाहट, यहूदियों और ब्रिटिश लेबर पार्टी पर उनके विचार प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक के उपलेख में चेकोस्लोवाकिया आक्रमण का वृत्तांत भी दिया गया है। अपनी प्रस्तावना में लेखक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस पुस्तक के पात्र गैर-काल्पनिक हैं, हालांकि उनमें से कुछ को छद्मरूप में प्रस्तुत किया गया है।
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | रीड, डगलस |
dc.date.accessioned | 2019-02-20T13:42:06Z |
dc.date.available | 2019-02-20T13:42:06Z |
dc.description | यह पुस्तक 'इनसैनिटी फ़ेयर' पुस्तक के बाद की दूसरी किस्त है। यहाँ, लेखक ने मध्य यूरोप में अपनी लंबी यात्रा का वर्णन किया है। लेखक की पहले की किताबों की तरह ही, यह पुस्तक भी नाज़ियों के प्रति उनकी कड़वाहट, यहूदियों और ब्रिटिश लेबर पार्टी पर उनके विचार प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक के उपलेख में चेकोस्लोवाकिया आक्रमण का वृत्तांत भी दिया गया है। अपनी प्रस्तावना में लेखक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस पुस्तक के पात्र गैर-काल्पनिक हैं, हालांकि उनमें से कुछ को छद्मरूप में प्रस्तुत किया गया है। |
dc.format.extent | 447 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉनाथन केप, लंदन |
dc.subject | नोवेला, मध्य यूरोप, नाज़ी, यहूदी, ब्रिटिश लेबर पार्टी, रीड |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1939 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-030553 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | रीड, डगलस |
dc.date.accessioned | 2019-02-20T13:42:06Z |
dc.date.available | 2019-02-20T13:42:06Z |
dc.description | यह पुस्तक 'इनसैनिटी फ़ेयर' पुस्तक के बाद की दूसरी किस्त है। यहाँ, लेखक ने मध्य यूरोप में अपनी लंबी यात्रा का वर्णन किया है। लेखक की पहले की किताबों की तरह ही, यह पुस्तक भी नाज़ियों के प्रति उनकी कड़वाहट, यहूदियों और ब्रिटिश लेबर पार्टी पर उनके विचार प्रस्तुत करती है। इस पुस्तक के उपलेख में चेकोस्लोवाकिया आक्रमण का वृत्तांत भी दिया गया है। अपनी प्रस्तावना में लेखक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस पुस्तक के पात्र गैर-काल्पनिक हैं, हालांकि उनमें से कुछ को छद्मरूप में प्रस्तुत किया गया है। |
dc.format.extent | 447 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉनाथन केप, लंदन |
dc.subject | नोवेला, मध्य यूरोप, नाज़ी, यहूदी, ब्रिटिश लेबर पार्टी, रीड |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1939 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-030553 |
dc.format.medium | text |