Author: प्रिंसेप, जेम्स
Keywords: मुद्राशास्त्र, पुरालेखीय, प्राचीन कालीन वस्तुएँ, सिक्के, अभिलेख
Publisher: जॉन मरे, लंदन
Description: यह पुस्तक प्रसिद्ध अंग्रेज़ी विद्वान, जेम्स प्रिंसेप द्वारा लिखित निबंधों का संग्रह है। ये निबंध विभिन्न सिक्कों पर दिए गए अभिलेखों का गहन अध्ययन है। लेखक वर्णों का भी अध्ययन करता है और उनकी तुलना अशोक के आदेशपत्रों और भारत भर में पाए जाने वाले अन्य प्रकार के अभिलेखों से करता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | प्रिंसेप, जेम्स |
dc.date.accessioned | 2018-07-27T11:42:02Z |
dc.date.available | 2018-07-27T11:42:02Z |
dc.description | यह पुस्तक प्रसिद्ध अंग्रेज़ी विद्वान, जेम्स प्रिंसेप द्वारा लिखित निबंधों का संग्रह है। ये निबंध विभिन्न सिक्कों पर दिए गए अभिलेखों का गहन अध्ययन है। लेखक वर्णों का भी अध्ययन करता है और उनकी तुलना अशोक के आदेशपत्रों और भारत भर में पाए जाने वाले अन्य प्रकार के अभिलेखों से करता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vii, 336 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉन मरे, लंदन |
dc.subject | मुद्राशास्त्र, पुरालेखीय, प्राचीन कालीन वस्तुएँ, सिक्के, अभिलेख |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1858 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002210 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | प्रिंसेप, जेम्स |
dc.date.accessioned | 2018-07-27T11:42:02Z |
dc.date.available | 2018-07-27T11:42:02Z |
dc.description | यह पुस्तक प्रसिद्ध अंग्रेज़ी विद्वान, जेम्स प्रिंसेप द्वारा लिखित निबंधों का संग्रह है। ये निबंध विभिन्न सिक्कों पर दिए गए अभिलेखों का गहन अध्ययन है। लेखक वर्णों का भी अध्ययन करता है और उनकी तुलना अशोक के आदेशपत्रों और भारत भर में पाए जाने वाले अन्य प्रकार के अभिलेखों से करता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vii, 336 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | जॉन मरे, लंदन |
dc.subject | मुद्राशास्त्र, पुरालेखीय, प्राचीन कालीन वस्तुएँ, सिक्के, अभिलेख |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1858 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002210 |
dc.format.medium | text |