Author: बेवरिज, हेनरी
Keywords: भारतीय इतिहास, औपनिवेशिक इतिहास, उपनिवेशवाद, ईस्ट इंडिया कंपनी, आधुनिक भारत, व्यापार, औपनिवेशिक व्यापार, चार्टर समिति, ब्रिटिश विजय, 1857 का विद्रोह
Publisher: ब्लैकी
Description: यह पुस्तक का तीसरा खंड है जो प्राचीन काल से 1857 के विद्रोह के दमन तक भारत का इतिहास बताती है। हेनरी बेवरिज ने अनुभव किया कि अब तक लिखे गए इतिहासों में कमियाँ थीं और इसलिए उनका उद्देश्य पूर्व काल से वर्तमान तक एक भली भांति शोधित, विस्तृत इतिहास लिखने का था। यह विशेष खंड भारत में ब्रिटिश व्यापार की शुरुआत से कंपनी के एक वाणिज्यिक निकाय के रूप में अंत होने तक का इतिहास बताता है, और 1857 के विद्रोह के साथ-साथ भारत में वर्तमान समय के विस्तृत विवरण के साथ समाप्त होता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | बेवरिज, हेनरी |
dc.date.accessioned | 2018-08-03T11:51:15Z |
dc.date.available | 2018-08-03T11:51:15Z |
dc.description | यह पुस्तक का तीसरा खंड है जो प्राचीन काल से 1857 के विद्रोह के दमन तक भारत का इतिहास बताती है। हेनरी बेवरिज ने अनुभव किया कि अब तक लिखे गए इतिहासों में कमियाँ थीं और इसलिए उनका उद्देश्य पूर्व काल से वर्तमान तक एक भली भांति शोधित, विस्तृत इतिहास लिखने का था। यह विशेष खंड भारत में ब्रिटिश व्यापार की शुरुआत से कंपनी के एक वाणिज्यिक निकाय के रूप में अंत होने तक का इतिहास बताता है, और 1857 के विद्रोह के साथ-साथ भारत में वर्तमान समय के विस्तृत विवरण के साथ समाप्त होता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | (various pages) |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | ब्लैकी |
dc.subject | भारतीय इतिहास, औपनिवेशिक इतिहास, उपनिवेशवाद, ईस्ट इंडिया कंपनी, आधुनिक भारत, व्यापार, औपनिवेशिक व्यापार, चार्टर समिति, ब्रिटिश विजय, 1857 का विद्रोह |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1872 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002463 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | बेवरिज, हेनरी |
dc.date.accessioned | 2018-08-03T11:51:15Z |
dc.date.available | 2018-08-03T11:51:15Z |
dc.description | यह पुस्तक का तीसरा खंड है जो प्राचीन काल से 1857 के विद्रोह के दमन तक भारत का इतिहास बताती है। हेनरी बेवरिज ने अनुभव किया कि अब तक लिखे गए इतिहासों में कमियाँ थीं और इसलिए उनका उद्देश्य पूर्व काल से वर्तमान तक एक भली भांति शोधित, विस्तृत इतिहास लिखने का था। यह विशेष खंड भारत में ब्रिटिश व्यापार की शुरुआत से कंपनी के एक वाणिज्यिक निकाय के रूप में अंत होने तक का इतिहास बताता है, और 1857 के विद्रोह के साथ-साथ भारत में वर्तमान समय के विस्तृत विवरण के साथ समाप्त होता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | (various pages) |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | ब्लैकी |
dc.subject | भारतीय इतिहास, औपनिवेशिक इतिहास, उपनिवेशवाद, ईस्ट इंडिया कंपनी, आधुनिक भारत, व्यापार, औपनिवेशिक व्यापार, चार्टर समिति, ब्रिटिश विजय, 1857 का विद्रोह |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1872 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002463 |
dc.format.medium | text |