Author: प्राइस, डेविड
Keywords: इस्लामी इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, मुगल इतिहास, मुसलमानी इतिहास, मुगल साम्राज्य, इस्लाम
Publisher: लॉन्गमैन
Description: यह पुस्तक उस पुस्तक के तीसरे खंड का गठन करती है जो एक अरबी विधायक व्यवस्थापक की मृत्यु से लेकर 1556 ई. में अकबर के राजतिलक तक की मुसलमानी घटनाओं का कालानुक्रमिक लेखा प्रदान करती है। लेखक ने इस पुस्तक को लिखने का काम 'मूल' इतिहासकारों के स्रोतों से कुरान को कई स्थानों पर विस्तारित किये जाने की घटनाओं के बारे में बताने के लिए लिया था। यह विशेष खंड 8वें हिजरी वर्ष से शुरू होता है और 132वें हिजरी वर्ष में उम्मेया हाउस के विनाश के साथ समाप्त होता है।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | प्राइस, डेविड |
dc.date.accessioned | 2019-02-15T16:37:53Z |
dc.date.available | 2019-02-15T16:37:53Z |
dc.description | यह पुस्तक उस पुस्तक के तीसरे खंड का गठन करती है जो एक अरबी विधायक व्यवस्थापक की मृत्यु से लेकर 1556 ई. में अकबर के राजतिलक तक की मुसलमानी घटनाओं का कालानुक्रमिक लेखा प्रदान करती है। लेखक ने इस पुस्तक को लिखने का काम 'मूल' इतिहासकारों के स्रोतों से कुरान को कई स्थानों पर विस्तारित किये जाने की घटनाओं के बारे में बताने के लिए लिया था। यह विशेष खंड 8वें हिजरी वर्ष से शुरू होता है और 132वें हिजरी वर्ष में उम्मेया हाउस के विनाश के साथ समाप्त होता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xv, 483 p. |
dc.format.mimetype | Application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लॉन्गमैन |
dc.subject | इस्लामी इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, मुगल इतिहास, मुसलमानी इतिहास, मुगल साम्राज्य, इस्लाम |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1821 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002668 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | प्राइस, डेविड |
dc.date.accessioned | 2019-02-15T16:37:53Z |
dc.date.available | 2019-02-15T16:37:53Z |
dc.description | यह पुस्तक उस पुस्तक के तीसरे खंड का गठन करती है जो एक अरबी विधायक व्यवस्थापक की मृत्यु से लेकर 1556 ई. में अकबर के राजतिलक तक की मुसलमानी घटनाओं का कालानुक्रमिक लेखा प्रदान करती है। लेखक ने इस पुस्तक को लिखने का काम 'मूल' इतिहासकारों के स्रोतों से कुरान को कई स्थानों पर विस्तारित किये जाने की घटनाओं के बारे में बताने के लिए लिया था। यह विशेष खंड 8वें हिजरी वर्ष से शुरू होता है और 132वें हिजरी वर्ष में उम्मेया हाउस के विनाश के साथ समाप्त होता है। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | xv, 483 p. |
dc.format.mimetype | Application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | लॉन्गमैन |
dc.subject | इस्लामी इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, मुगल इतिहास, मुसलमानी इतिहास, मुगल साम्राज्य, इस्लाम |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1821 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-002668 |
dc.format.medium | text |