Author: गैंबल, जे.एस.
Keywords: भारतीय लकड़ियाँ, भारत के जंगल, वृक्ष कृषिक्षेत्र
Publisher: सैंपसन लो, लंदन
Description: जे. एस. गैंबल द्वारा लिखित यह पुस्तक 19वीं शताब्दी के दौरान भारत के जंगलों और साथ ही सीलोन (श्रीलंका) में पाए जाने वाले वृक्षों के उत्पादन, विकास, वितरण और उनके उपयोग के विवरणों का एक विस्तृत संग्रह प्रस्तुत करती है। इस बृहद भौगोलिक क्षेत्र में वृक्षों और झाड़ियों की विविध प्रजातियों की उपलब्धता निश्चित रूप से इसके असाधारण समृद्ध भौतिक असमानताओं का परिणाम है। यह पुस्तक वन एनसाइक्लोपीडिया के रूप में इसके समुचित उपयोग के लिए विभिन्न लकड़ियों का सुव्यवस्थित विवरण प्रदान करती है। जे. एस. गैंबल ने नियमित रूप से इस अति उपयोगी संकलन को तैयार करते हुए भारतीय लकड़ियों के कुछ बहुत महत्वपूर्ण पहले से सर्वेक्षण किए गए रेकॉर्डों के उद्धरण दिए हैं।
Source: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार
DC Field | Value |
dc.contributor.author | गैंबल, जे.एस. |
dc.coverage.spatial | India |
dc.date.accessioned | 2018-07-23T05:37:31Z |
dc.date.available | 2018-07-23T05:37:31Z |
dc.description | जे. एस. गैंबल द्वारा लिखित यह पुस्तक 19वीं शताब्दी के दौरान भारत के जंगलों और साथ ही सीलोन (श्रीलंका) में पाए जाने वाले वृक्षों के उत्पादन, विकास, वितरण और उनके उपयोग के विवरणों का एक विस्तृत संग्रह प्रस्तुत करती है। इस बृहद भौगोलिक क्षेत्र में वृक्षों और झाड़ियों की विविध प्रजातियों की उपलब्धता निश्चित रूप से इसके असाधारण समृद्ध भौतिक असमानताओं का परिणाम है। यह पुस्तक वन एनसाइक्लोपीडिया के रूप में इसके समुचित उपयोग के लिए विभिन्न लकड़ियों का सुव्यवस्थित विवरण प्रदान करती है। जे. एस. गैंबल ने नियमित रूप से इस अति उपयोगी संकलन को तैयार करते हुए भारतीय लकड़ियों के कुछ बहुत महत्वपूर्ण पहले से सर्वेक्षण किए गए रेकॉर्डों के उद्धरण दिए हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vol. xxiii, 856 p. |
dc.format.mimetype | applicatio/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | सैंपसन लो, लंदन |
dc.subject | भारतीय लकड़ियाँ, भारत के जंगल, वृक्ष कृषिक्षेत्र |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1902 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001771 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | गैंबल, जे.एस. |
dc.coverage.spatial | India |
dc.date.accessioned | 2018-07-23T05:37:31Z |
dc.date.available | 2018-07-23T05:37:31Z |
dc.description | जे. एस. गैंबल द्वारा लिखित यह पुस्तक 19वीं शताब्दी के दौरान भारत के जंगलों और साथ ही सीलोन (श्रीलंका) में पाए जाने वाले वृक्षों के उत्पादन, विकास, वितरण और उनके उपयोग के विवरणों का एक विस्तृत संग्रह प्रस्तुत करती है। इस बृहद भौगोलिक क्षेत्र में वृक्षों और झाड़ियों की विविध प्रजातियों की उपलब्धता निश्चित रूप से इसके असाधारण समृद्ध भौतिक असमानताओं का परिणाम है। यह पुस्तक वन एनसाइक्लोपीडिया के रूप में इसके समुचित उपयोग के लिए विभिन्न लकड़ियों का सुव्यवस्थित विवरण प्रदान करती है। जे. एस. गैंबल ने नियमित रूप से इस अति उपयोगी संकलन को तैयार करते हुए भारतीय लकड़ियों के कुछ बहुत महत्वपूर्ण पहले से सर्वेक्षण किए गए रेकॉर्डों के उद्धरण दिए हैं। |
dc.source | केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार |
dc.format.extent | vol. xxiii, 856 p. |
dc.format.mimetype | applicatio/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | सैंपसन लो, लंदन |
dc.subject | भारतीय लकड़ियाँ, भारत के जंगल, वृक्ष कृषिक्षेत्र |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1902 |
dc.identifier.accessionnumber | AS-001771 |
dc.format.medium | text |