Author: डायसन, केतकी कुशारी
Keywords: विवरण, यात्रा, ब्रिटिश भारत, भारतीय उपमहाद्वीप, ईस्ट इंडिया कंपनी, भारत के लोग
Publisher: ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस, दिल्ली
Description: पुस्तक 1765 से 1856 तक भारत में अपने अनुभवों के आधार पर ब्रिटिश पुरुषों और महिलाओं के कार्य का अध्ययन करती है और उन्हें प्रस्तुत करती है। ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्तियों के दृढ़ीकरण से लेकर विद्रोह की पूर्व संध्या तक की कहानियाँ, उस अवधि के दौरान भारत की राजनीतिक, आर्थिक और साथ ही सामाजिक रुख़ पर संस्पर्श की हुई एक कथा को उजागर करती है। चालीस से अधिक व्यक्तिगत कार्यों के सर्वेक्षण के बाद लिखी गई, इस पुस्तक का उद्देश्य विदेशी पर्यवेक्षक की नज़र से भारतीय जीवन के हर पहलू पर जानकारी प्रदान करना है। पुस्तक में कई चित्र हैं, जो अपने लोगों, उनके रीति-रिवाज़ों और सामाजिक जीवन के साथ भारत की तस्वीर को चित्रित करते हैं।
Source: इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली
Type: दुर्लभ पुस्तक
Received From: इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र
DC Field | Value |
dc.contributor.author | डायसन, केतकी कुशारी |
dc.date.accessioned | 2019-11-23T17:11:09Z |
dc.date.available | 2019-11-23T17:11:09Z |
dc.description | पुस्तक 1765 से 1856 तक भारत में अपने अनुभवों के आधार पर ब्रिटिश पुरुषों और महिलाओं के कार्य का अध्ययन करती है और उन्हें प्रस्तुत करती है। ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्तियों के दृढ़ीकरण से लेकर विद्रोह की पूर्व संध्या तक की कहानियाँ, उस अवधि के दौरान भारत की राजनीतिक, आर्थिक और साथ ही सामाजिक रुख़ पर संस्पर्श की हुई एक कथा को उजागर करती है। चालीस से अधिक व्यक्तिगत कार्यों के सर्वेक्षण के बाद लिखी गई, इस पुस्तक का उद्देश्य विदेशी पर्यवेक्षक की नज़र से भारतीय जीवन के हर पहलू पर जानकारी प्रदान करना है। पुस्तक में कई चित्र हैं, जो अपने लोगों, उनके रीति-रिवाज़ों और सामाजिक जीवन के साथ भारत की तस्वीर को चित्रित करते हैं। |
dc.source | इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली |
dc.format.extent | xi,406 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस, दिल्ली |
dc.subject | विवरण, यात्रा, ब्रिटिश भारत, भारतीय उपमहाद्वीप, ईस्ट इंडिया कंपनी, भारत के लोग |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1980 |
dc.identifier.accessionnumber | 19294 |
dc.format.medium | text |
DC Field | Value |
dc.contributor.author | डायसन, केतकी कुशारी |
dc.date.accessioned | 2019-11-23T17:11:09Z |
dc.date.available | 2019-11-23T17:11:09Z |
dc.description | पुस्तक 1765 से 1856 तक भारत में अपने अनुभवों के आधार पर ब्रिटिश पुरुषों और महिलाओं के कार्य का अध्ययन करती है और उन्हें प्रस्तुत करती है। ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्तियों के दृढ़ीकरण से लेकर विद्रोह की पूर्व संध्या तक की कहानियाँ, उस अवधि के दौरान भारत की राजनीतिक, आर्थिक और साथ ही सामाजिक रुख़ पर संस्पर्श की हुई एक कथा को उजागर करती है। चालीस से अधिक व्यक्तिगत कार्यों के सर्वेक्षण के बाद लिखी गई, इस पुस्तक का उद्देश्य विदेशी पर्यवेक्षक की नज़र से भारतीय जीवन के हर पहलू पर जानकारी प्रदान करना है। पुस्तक में कई चित्र हैं, जो अपने लोगों, उनके रीति-रिवाज़ों और सामाजिक जीवन के साथ भारत की तस्वीर को चित्रित करते हैं। |
dc.source | इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली |
dc.format.extent | xi,406 p. |
dc.format.mimetype | application/pdf |
dc.language.iso | अंग्रेज़ी |
dc.publisher | ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस, दिल्ली |
dc.subject | विवरण, यात्रा, ब्रिटिश भारत, भारतीय उपमहाद्वीप, ईस्ट इंडिया कंपनी, भारत के लोग |
dc.type | दुर्लभ पुस्तक |
dc.date.copyright | 1980 |
dc.identifier.accessionnumber | 19294 |
dc.format.medium | text |