निर्देश
हरे पत्तेदार साग को पकाना
- एक पैन में पानी गरम करें और उसमें बारीक कटी हुई पालक, मेथी और हरी मिर्च डालें।
- पत्तेदार साग को तब तक उबालें जब तक कि वे गूदेदार न हो जाएँ।
- एक बार पक जाने के बाद, अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल दें।
- फिर ब्लेंडर का उपयोग करके गूदे का महीन पेस्ट बना लें।
तड़का लगाना
- कड़ाही में सरसों का तेल गरम करें (अच्छा हो कि कड़ाही लोहे की हो)
- अब उसमें कसा हुआ अदरक और लहसुन डाल दें और उसकी खुशबू आने तक का इंतज़ार करें। फिर उसमें जखिया (या जीरा), हींग, और साबुत लाल मिर्चें डाल दें। मिश्रण को चलाएँ।
- अब उसमें पालक-मेथी का मिश्रण, हल्दी, धनिया पाउडर और नमक डालें।
- इसमें पानी डालें, सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाएँ, और व्यंजन में उबाल आने दें।
- चावल के आटे में थोड़ा सा पानी मिलाएँ और उसे मिश्रण में मिला दें। चावल के आटे की जगह पिसी हुई उड़द दाल का भी उपयोग कर सकते हैं।
- फेंटा हुआ दही मिलाएँ (यदि इच्छा हो तो)
- लगभग 10 मिनट तक मिश्रण को धीमी आँच पर पकाएँ।
खाना पकाने के पारंपरिक तरीके, पूरी तरह से स्वाद को बाहर लाने में मदद करते हैं। इसलिए काफुली को लकड़ी की आग पर लोहे की कड़ाही में पकाना श्रेष्ठकर होता है। यह पकवान सादे उबाले हुए चावल या मंडुए की रोटी या बाड़ी ( एक तरह का हलवे जैसा व्यंजन जिसे मंडुए के आटे से बनाया जाता है) के साथ बहुत ही स्वादिष्ट लगता है।