Type: अवनद्ध वाद्य
धुमसा लकड़ी, धातु, लोहे, और चमड़े से बना एक ताल वाद्य यंत्र है। यह लोक वाद्य यंत्र पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से उड़ीसा के ‘सेराइकेला छऊ’ नृत्य तथा पश्चिम बंगाल के ‘पुरुलिया छऊ’ नृत्य के साथ लयबद्ध संगत के लिए उपयोग किया जाता है।
Material: लकड़ी, धातु, चमड़ा
एक विशाल प्याले के आकार का लकड़ी का खोखला ढाँचा जो धातु की चादरों से ढका होता है। ढोल के पृष्ठ को मोटे चमड़े से ढका जाता है और चमड़े के पट्टे से बाँधा जाता है। इसे दो डंडियों द्वारा बजाया जाता है और पश्चिम बंगाल के 'पुरुलिया छऊ' नृत्य में इसका उपयोग किया जाता है।
Material: चर्मपत्र, लोहा
पात्र के आकार का खाल से ढका अर्धगोलाकार कटोरा जो कीलों से जड़ी लोहे की चादरों से बना होता है। 'X' प्रतिरूप में जुड़ी हुई चादरें। इसे ज़मीन पर रखकर या गले में लटकाकर दो छड़ियों से बजाया जाता है। यह ‘सराईकेला छऊ’ नृत्य प्रस्तुति में लयबद्ध संगत के लिए उपयोग किया जाता है।