Type: अवनद्ध वाद्य
खोल चमड़े, चिकनी मिट्टी, चर्मपत्र, और धान के चूर्ण से बना एक ताल वाद्य यंत्र है। यह पारंपरिक वाद्य यंत्र पश्चिम बंगाल में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से कीर्तन, भजन और बाउल गायन जैसे पारंपरिक और भक्ति संगीत शैलियों में उपयोग किया जाता है।
Material: “चिकनी मिट्टी, चर्मपत्र, चमड़ा, धान का चूर्ण”
“यह पूर्वी क्षेत्र में व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला चिकनी मिट्टी का द्विपृष्ठीय ताल वाद्य यंत्र है। दाएं तरफ का सिर बाएं सिर की तुलना में बहुत छोटा और ऊंचे स्वर का होता है। ढोल के दोनों सिरे फीते और चमड़े की बत्तीस पतली पट्टियों द्वारा कसे गए परतदार चमड़े से ढके होते हैं। ढोल का दायाँ सिरा काले लेप से भरा होता है जबकि बायाँ सिरा गीली मिट्टी और धान के चूर्ण से भरा होता है। इसे गले से क्षैतिज रूप में लटकाया जाता है, और दोनों हाथों से बजाया जाता है। कीर्तन, भजन और बाउल गायन जैसे पारंपरिक और भक्ति संगीत शैलियों में इसका उपयोग किया जाता है।"